बीजापुर। हाल ही में बीजापुर जिले के पोमरा में हुए मुठभेड़ के बाद 4 माओवादियों के शव के साथ चार हथियार बरामद किये गए, परन्तु चौंकाने वाली बात तो यह है कि नक्सलियों के पास से बरामद चार हथियारों में से एक हथियार यूएस निर्मित आटोमेटिक कार्बाइन कैलीबर 30M1 रायफल भी बरामद हुआ है भले ही पुलिस और सुरक्षा बल के जवान इस बरामदगी को बड़ी सफलता मान रहे हैं पर कहीं ना कहीं।
यह बस्तर में माओवाद क्षेत्र में माओवादियों से जंग लड़ रहे जवानों के लिए बुरी खबर भी है कि आखिर माओवादियों के पास यूनाइटेड स्टेट निर्मित हथियार कैसे पहुंचे इसके पहले भी नारायणपुर के माड़ इलाके में हुए 1 एनकाउंटर के बाद जर्मन मेड राइफल बरामद किया गया था परंतु पहली बार बीजापुर में नक्सलियों के पास से यूएस मेड हथियार बरामद होने से पुलिस महकमे में सनसनी फैल गयी है।
इस हथियार का डिजाइन 1938-1941 के मध्य डेविड मार्शल विलियम्स ने किया था जो 1942 से 1973 तक उपयोग में लाया गया इस हथियार की मारक क्षमता 300 गज बताई जा रही है,जिससे एक साथ 15 से 20 राउंड फायर किया जा सकता है जो बेहद ही घातक साबित होता है,इस हथियार का उपयोग US सैनिकों ने सेकेंड वर्ल्ड वार,वियतनाम वार और कोरियन युद्ध मे बड़े पौमाने पर किया था।
अब ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर बस्तर के जंगलों में नक्सलियों के पास विदेशी हथियार कैसे पहुंच रहे है और क्या नक्सलियों के सम्बंध विदेशों से हैं तो क्या इसकी जानकारी भारत सरकार या खुफिया विभाग के पास नही है कि किन माध्यमो से विदेशो में निर्मित ऐसे खतरनाक हथियार नक्सलियों के हाथों में पहुंच रहे हैं और ये कितने घातक हो सकते हैं।
इस मामले में बीजापुर SP आंजनेय वार्ष्णेय का कहना है कि बीजापुर में किसी मुठभेड़ के बाद पहली बार US निर्मित रायफल बरामद किया गया है,यह आटोमेटिक रायफल है,नक्सलियों के पास से ऐसे हथियार को बरामद कर उन्होंने नक्सलियों को सिर्फ मुहतोड़ जवाब ही नही दिया बल्कि उन्हें बड़ा नुकसान पहुंचाते हुए एक करारा झटका भी दिया है।