छत्तीसगढ़ ब्रेकिंग न्यूज़ - बीजापुर सफलता की कहानी ग्राम स्वास्थ्य विभाग एवं पोषण दिवस सत्र के माध्यम से जिले के लोगो में वृहद स्तर पर हुआ स्वास्थ्य सुधार


बीजापुर। 14 सितंबर 2022 जिले में स्वास्थ्य विभाग एवं महिला एवं बाल विकास विभाग बीजापुर के प्रयास से विभिन्न गतिविधियों को ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस सत्र (वी.एच.एस.एन.डी.) के माध्यम से पिछले छः महीनों में महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य पर वृहद स्तर पर सुधार देखा गया है। साथ ही स्वास्थ्य को लेकर आम जनता में जागरूकता देखा गया है। यद्यपि बीजापुर एक आदिवासी बाहुल्य जिला हैं जहां के अधिकांश निवासियों का जीवन यापन का श्रोत कृषि कार्य, वन संग्रहण और मजदूरी पर निर्भर है। चूंकि उक्त कार्यो से व्यस्त रहने और स्वास्थ्य तथा भोजन में ध्यान नहीं देने की वजह से स्वास्थ्य समस्याएं जैसे शारीरिक कमजोरी, खून की कमी, शरीर में थकान, महिलाओं में प्रजनन संबंधी समस्या, मलेरिया एवं सामान्य बीमारी जैसे सर्दी खांसी बुखार सिर दर्द ज्यादा पाया गया है, जिसे ग्रामीण जनता अजीविका के जद्दोजहद में अपने स्वास्थ्य और भोजन पर उचित और समय पर ध्यान नहीं दिया जाता था। दूसरी तरफ भोजन के लिए वे लोग जंगलों में निर्भर रहते है। कृषि से (मामूली अनाज) जैसे- मूंग, ज्वार, फल्ली, कुटकी उगाते है। जो की पोषक तत्व से हिसाब से पर्याप्त नहीं होता। उपरोक्त समस्याओं को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा विशेष ध्यान दिया गया। जिले में महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए तथा प्रत्येक गांव और व्यक्ति के स्वास्थ्य सुविधाओं को सही समय पर और आसानी से उनके निवास स्थान पर ही पर ही उपलब्ध करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा सप्ताह के प्रत्येक मंगलवार और शुक्रवार को वीएचएसएनडी आयोजित किया जाता है। इस प्रकार महीने में चार वीएचएसएनडी आयोजित किया जाता है। वीएचएसएनडी में एक प्रशिक्षण प्राप्त आरएचओं (रूलर हैल्थ ऑफिसर) एक एएनएम, मितानिन, आंगनबाडी कार्यकर्ता, सहायिका एमटी होते है। उपरोक्त स्वास्थ्य जांच, टीकाकरण और दवाईयों को मुहैया समय पर और घर पहुंच उपलब्ध करने के कारण ग्रामीणों के स्वास्थ्य में व्यापक सुधार हुआ मितानिन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की भूमिका बहुत सराहनीय रहा है। ग्रामीण स्तर पर लोगो को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने, उसे स्वास्थ्य केन्द्र आंगनबाड़ी अथवा वीएचएसएनडी सत्र तक लाने मे मितानिनो और आंगनबाडी कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका रहा है। ये लोग ग्राम स्तर पर लोगों के घर-घर जाकर स्वास्थ्य जांच को लेकर ग्रामीणों को प्रेरित करते है। साथ ही ग्राम वार हितग्राही की सूची तैयार करके वीएचएसएनडी सत्र में आरएचओं को प्रेषित करते है। कुपोषित और एनीमिक बच्चों और महिलाओं की पहचान करना। तैयार सूची के अनुसार आरएचओं और एएनएम जरूरत मंदों की जांच करते हुए, दवाई देते है तथा उचित स्वास्थ्य परामर्श मुहैया है। इसके अलावा मितानित और आंगनबाडी कार्यकर्ताओं के द्वारा किसी गंभीर बीमार और कुपोषित महिलाओं और बच्चों को उनके इलाज के दौरान लगातार निगरानी करते हुए उचित सलाह दिया जाता है। और जरूरत पड़ने पर उन्हें हॉस्पिटल भेजा जाता है। इस प्रकार मितानिन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपने जिम्मेदारी निभाते हुए स्वास्थ्य और पोषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है। बच्चों के ग्रोथ उनके लंबाई और उंचाई का माप भी आंगनबाडी कार्यकर्ता के द्वारा किया जा रहा है। दोनो विभागों के संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों के द्वारा इस ओर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। साथ ही इसके सहयोगी सदस्य जैसे यूनिसेफ, वर्ल्ड विजन छत्तीसगढ़ जिला स्तर के अधिकारियों और कर्मचारियों के द्वारा भी महत्वपूर्ण कार्य किया जा रहा है। जिससे फील्ड में जाकर वीएचएसएनडी और आंगनबाड़ी संचालन का निरीक्षण, निगरानी, परामर्श और सलाह दिया जा रहा है। कुपोषित और बीमार को चिन्हाकिंत किये जाने पर उसे तत्काल एन आर सी में भेजा जा रहा है।जिससे बहुत अच्छा परिवर्तन देखने को मिला आज की स्थिति में स्वास्थ्य जागरूकता अभियान के चलते जिले ग्रामीण अंचलों में भी स्वास्थ्य के प्रति लोगों में बहुत जागरूकता आई है। और अपने स्वास्थ्य जांच को लेकर बडे पैमाने पर लोग आगे आना शुरू किए है।

● सतीश कुमार अल्लूर जिला ब्यूरो चीफ बीजापुर

एक टिप्पणी भेजें

Please Do Not Enter Any Spam Link In The Comment Box.

और नया पुराने