बीजापुर। 13 सितंबर 2022-पोषण माह अंतर्गत जिले के समस्त आंगनबाडी केन्द्रों में कहानी वाचन की गतिविधि करवायी गयी। जिसमें आगंनबाड़ी केन्द्र के सभी 03 से 06 वर्ष के बच्चें शामिल,गर्भवती माताएं, शिशुवति माताएं भी शामिल हुई। युनीसेफ वर्ल्ड विजन इंडिया जिला समन्वयक श्रीमती सरिता देशमुख के द्वारा परियोजना बीजापुर के आंगनबाडी केन्द्र डारापारा में बच्चों को कहानी सुनाया गया। कहानी सुनना-सुनाना बच्चों को भाषा सीखने में बहुत मदद करती है। कहानी सुनना बच्चों के लिए रूचिकर होने के साथ-साथ उनकी सृजनात्मकता को भी बढ़ाने वाला होता है। बच्चो पर कहानियों का बहुत असर पढ़ता है। बच्चों में नैतिकता का विकास होता हैं जो सकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। उन्हे ईमादारी एवं सत्यता से संबंधित कहानी सुनाने पर उनमें नैतिकता का विकास होगा । कई बच्चों को अपनी संस्कृति के बारे में ज्ञान नही होता है, ऐसे मे कहानियों के माध्यम से उन्हे इतिहास व परम्पराओं के बारे में बताया जा सकता हैं ज्यादातर बच्चे कहानी को ध्यान पूर्वक सुनते है इससे न सिर्फ उन में सुनने की क्षमता का विकास होता है, बल्कि उनमें संयम का भाव भी पैदा होता है। जब उस बच्चों को कहानी सुनाते है, तो कहानी की रोचकता के कारण आगे क्या होगा यह जानने की उत्सुकता बढ जाती है, जिससे बच्चे जिज्ञाशु होने लगते है। बच्चो का उत्सुक होना और कल्पनाशील होना दोनो अलग-अलग है बच्चों को कहानी सुनाने पर उनमें एकाग्रता का विकास होता है, क्योंकि बच्चें कहानी सुनने के लिए अधिक ध्यान देते है। कहानी में कुछ ऐसे शब्द होते है जिसे वो पहली बार सुनते है, बच्चे ना सिर्फ इन शब्दो के मतलब को जानने का प्रयास करते है, बल्कि उनकी शब्दावली भी बढ़ती हैं। कहानियां न सिर्फ बच्चों को मनोरंजन करती है उन्हे लुभाती भी है। कहानी चाहे छोटी हो या बड़ी अगर कोई बच्चा कहानी सुनता है, तो उन्हे कहानी के अधिकतर पात्र और किस्से याद रह जाते है इसे बाद में व दूसरों को भी सुनाते है।
● सतीश कुमार अल्लूर जिला ब्यूरो चीफ बीजापुर ●