गरियाबंद। गरियाबंद का अमलीपदर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जरूरी सुविधा व चिकित्सक के अभाव में रेफरल सेंटर बन कर रहा गया है। 30 गांव के 40 हजार की आबादी निर्भरता वाले इस इकलौते अस्पताल को दो साल पहले जब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का दर्जा मिला तो सुविधा बढ़ने की उम्मीद जागी थी।लेकिन आंकड़े बताते है की यहां मरीज पहले की तरह ओडिसा पर निर्भर हैं।
चिकित्सक के 5 पद समेत लैब टेक्नीशियन, ड्रेसर जैसे कूल 24 पद रिक्त पड़े है। 108 व 102 वाहन जैसे आपात काल सेवा भी मौजूद नही अमलीपदर सामुदायिक स्वास्थ्य में 108 व 102 जैसे सुविधा उपलब्ध न होने कारण अकसर लोग प्राइवेट गाड़ियों का सहारा लेना पड़ता है जो की मरीजो के इमरजेंसी के समय किसी प्रकार के उपचार नही मिल पाता और ऐसे में मरीज का तबियत और भी खराब हो जाता हैं।
अकेले एक डॉक्टर के भरोसे अस्पताल चल रहा है अमलीपदर स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों की कमी के चलते अमलीपदर छेत्र के लोग प्राइवेट झोला छाप डॉक्टरों से ईलाज करने में विवश है पिछले 1 माह में रेफर किए गए इमरजेंसी के 24 मरीज ओडिसा जाकर अपना उपचार करवाया है।हालाकि इस बार भी विभाग के आला अफसर शासन प्रशासन पर मसला थोंप अपनी जवाबदारी से पल्ला झाड़ते नजर आए।
● आईएनसी 24 मीडिया के लिए गरियाबंद संवाददाता अनिल कुमार साहू की रिपोर्ट ●
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