आईएनसी 24 मीडिया छत्तीसगढ़। नरहरपुर कांकेर रिपोर्टर - मन्नूराम साहू की रिपोर्ट : -
कांकेर। कांकेर जिले में रविवार को करवाचौथ का त्योहार हर्षोल्लास से मनाया गया। सुहागिन महिलाओं ने सोलह श्रंगार कर करवाचौथ व्रत रखकर पति की दीघार्यु की कामना की। महिलाओं ने भगवान शिव, पार्वती, कार्तिकेय एवं गणेश पूजा अर्चना की और कथा सुनी। सुहागिनों ने अपने बुजुर्गों का पैर छुवा बुजुर्गों ने महिलाओं को सदा सुहागन होने का आशीर्वाद दिया। रात को चंद्रमा निकलने पर सुहागिनों ने छलनी की ओहट से अपने पति का चेहरा देख एवं चंद्रमा को अर्ध्य देकर व्रत खोला। रविवार सुबह से ही करवाचौथ पर्व को लेकर सुहागिनों में काफी उत्साह देखने को मिला। सवेरे से ही महिलाऐं संजने संवरने में लग गई थी।
अपने पति की दीर्घायु के लिए महिलाओं ने निर्जल व्रत रखा। महिलाओं ने शुभ मुहूर्त के समय ही करवा चौथ पूजन और कथा पढ़ी। कुछ जगह सामूहिक रूप से गली मोहल्लों में महिलाएं एक दूसरे के यहां जाकर कथा सुनीऔर पढ़ी। महिलाओं ने निर्जल व्रत रखा था। शाम को घर में पकवान बनाए और अपनी सास को उपहार दिया। जैसे जैसे शाम होती गई चांद निकलने का इंतजार भी बढता गया। चंद्रोदय का समय रात 8.55 बजे रहा। महिलाएं चांद का इंतजार करने के लिए छतों पर मौजूद थीं।
चंद्रदर्शन होते ही महिलाओं ने चंद्रदर्शन कर छलनी में पति का दीदार किया और चंद्रमा को अर्घ्य देकर अपने पति के हाथ से पानी पीकर अपना निर्जल व्रत खोला। मान्यता है कि चांद को चलनी से देखने पर पति की उम्र लंबी होती है। पति स्वस्थ और खुशहाल जीवन व्यतीत करता है पौराणिक काल से यह मानता चली आ रही है कि जब सत्यवान को लेने यमराज धरती पर आए तो सत्यवान की पत्नी सावित्री ने यमराज से अपने पति के प्राण वापस मांगने की प्रार्थना की। उसने यमराज से कहा कि वह उसके सुहाग को वापस लौटा दे। मगर यमराज ने उसकी बात नहीं मानी। इस पर सावित्री अन्न जल त्याग कर अपने पति के मृत शरीर के पास बैठकर विलाप करने लगी।
सावित्री के हठ को देखते हुए उस पर यमराज को दया आ गया। यमराज ने उसे वर मांगने को कहा। इस पर सावित्री ने कई बच्चों की मां बनने की मांग की। उसने सत्यवान को जीवित कर दिया। इससे पूर्व महिलाओं ने शनिवार को सौंदर्य प्रसाधन एवं पूजा के सामान की जमकर खरीदारी की। इसके अतिरिक्त करवा चौथ का व्रत रखने वाली महिलाओं ने नये नये वस्त्र की भी खरीदारी की।