कर्नाटक। रायचूर 28 जून: भारत एक कृषि प्रधान देश है राज्यपाल एवं रायचूर कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलाधिपति थावरचंद गेहलोत ने कहा कि कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय में कृषि शिक्षा प्राप्त कर स्वहित, लोकहित एवं लोकहित के लिए प्रयास करना चाहिए देश। उन्होंने 28 जून (शुक्रवार) को शहर के कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय के सभागार में कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय के बारहवें दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता की। रायचूर। कृषि विश्वविद्यालय कल्याण कर्नाटक क्षेत्र के कृषि विकास के लिए एक महान भूमिका निभाता है।
उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों को किसानों की आय बढ़ाने और कृषि गतिविधियों के विकास के लिए काम करना चाहिए और विश्वविद्यालय से प्राप्त ज्ञान को देश और समाज के हित में समर्पित करना चाहिए। भारत एक कृषि प्रधान देश है और कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार ने कृषि के विकास के लिए कई योजनाएं लागू की हैं, किसानों को इन योजनाओं का सदुपयोग कर कृषि क्षेत्र में विकास करना चाहिए और दूसरों को भी रोजगार उपलब्ध कराना चाहिए.उन्होंने कहा कि देश कृषि उत्पादों के उत्पादन में अग्रणी स्थान पर है और कृषि एवं पशुपालन के आधुनिकीकरण के लिए कई सुविधाएं लागू की गई हैं ताकि किसानों को कृषि में अधिक आय प्राप्त हो सके कृषि में सूचना प्रौद्योगिकी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी की मदद से उत्पादकता में सुधार, किसानों को नवीनतम किस्मों और बदलते मौसम के पैटर्न, फसल उत्पादन तकनीकों और उन्हें पैदा करने वाली कृषि पद्धतियों के बारे में सूचित करता है। भारत ने आजादी के 75 साल पूरे कर लिए हैं और हर क्षेत्र में विकास और तेजी आई है। उन्होंने कहा, और अगले 25 वर्षों में इस गति को बढ़ाना होगा।उन्होंने कहा कि देश में वायु, जल और भूमि की रक्षा कर भावी पीढ़ियों के लिए बेहतर पर्यावरण बनाए रखना सभी का कर्तव्य है इस दौरान भारतीय कृषि परिषद के महानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक ने कहा कि पहले भारत भोजन के लिए दूसरे देशों पर निर्भर था, लेकिन आज देश कृषि के क्षेत्र में विकसित हुआ है और खाद्यान्न उत्पादन में सबसे आगे है।
आय, जलवायु, मिट्टी और पोषण की चुनौतियों का सामना करते हुए, भारती की कृषि प्रणाली अच्छी तरह से जारी रहेगी और जिन छात्रों ने कृषि शिक्षा प्राप्त की है, उन्हें कृषि के क्षेत्र में देश के आगे विकास के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए।उन्होंने कहा कि देश में वायु, जल और भूमि की रक्षा कर भावी पीढ़ियों के लिए बेहतर पर्यावरण बनाए रखना सभी का कर्तव्य है इस दौरान भारतीय कृषि परिषद के महानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक ने कहा कि पहले भारत भोजन के लिए दूसरे देशों पर निर्भर था, लेकिन आज देश कृषि के क्षेत्र में विकसित हुआ है और खाद्यान्न उत्पादन में सबसे आगे है। आय, जलवायु, मिट्टी और पोषण की चुनौतियों का सामना करते हुए, भारती की कृषि प्रणाली अच्छी तरह से जारी रहेगी और जिन छात्रों ने कृषि शिक्षा प्राप्त की है।
उन्हें कृषि के क्षेत्र में देश के आगे विकास के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए।उन्होंने कहा कि देश में वायु, जल और भूमि की रक्षा कर भावी पीढ़ियों के लिए बेहतर पर्यावरण बनाए रखना सभी का कर्तव्य है। इस दौरान भारतीय कृषि परिषद क महानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक ने कहा कि पहले भारत भोजन के लिए दूसरे देशों पर निर्भर था, लेकिन आज देश कृषि के क्षेत्र में विकसित हुआ है और खाद्यान्न उत्पादन में सबसे आगे है। आय, जलवायु, मिट्टी और पोषण की चुनौतियों का सामना करते हुए, भारती की कृषि प्रणाली अच्छी तरह से जारी रहेगी और जिन छात्रों ने कृषि शिक्षा प्राप्त की है, उन्हें कृषि के क्षेत्र में देश के आगे विकास के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए।
● आईएनसी 24 मीडिया के लिए सादिक नवाज रायचूर कर्नाटक की रिपोर्ट ●
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