छत्तीसगढ़ ब्रेकिंग न्यूज़ - अंचल में धूमधाम से मनाया गया हरेली का त्यौहार, किसानो ने किया सभी कृषि उपकरणों की पूजा की गई


आईएनसी 24 मीडिया कांकेर। नरहरपुर कांकेर रिपोर्टर - मन्नूराम साहू की रिपोर्ट : -


कांकेर। अंचल में धूमधाम से मनाया गया हरेली का त्यौहार,किसानो ने किया सभी कृषि उपकरणों की पूजा की गई। चार अगस्त को पूरे अंचल में हरेली के अवसर पर कृषि उपकरणों की पूजा कर हरेली का त्यौहार धूमधाम से मनाया गया। 


खेती में उपयोग होने वाले सभी कृषि उपकरणों जैसे नांगर, हंसिया, कुल्हाड़ी, फावड़ा, कुदाली आदि के साथ-साथ आधुनिक समय में कृषि कार्यों हेतु प्रयुक्त किए जाने वाले उपकरणों की भी पूजा की गई. त्यौहार को लेकर सुबह से ही कृषक समस्त उपकरणों की साफ सफाई में जुटे रहे. विगत कुछ दिनों से हो रही अच्छी बारिश के बाद से किसानों के चेहरे में भी त्यौहार की खुशी देखी जा रही है।


हरेली का त्यौहार मूल रूप से खेती के कार्यों की समाप्ति के बाद मनाया जाता है, लेकिन इस वर्ष शुरू से ही बारिश होने के कारण किसानों की आधी खेती के काम लगभग पुरे हो चुका हैं. पूर्व में हरेली त्यौहार में कृषि उपकरणों के साथ-साथ हल बैलों की भी पूजा की जाती थी, लेकिन समय के साथ-साथ इसमें भी परिवर्तन आ गया है।


नांगर, हल बैल की कमी की वजह से लोग ट्रेक्टर आदि मशीनरी कृषि उपकरणों की पूजा किए.वही ग्रामीण क्षेत्रों में अपने ईष्ट देव की पूजा अर्चना करने के पश्चात हरेली त्यौहार मनाया गया. ग्रामों में प्रमुख देवी देवताओं की पूजा विशेष तौर पर ग्राम के बैगा द्वारा किया गया. ग्रामीण देवालयों के लिए बैगा के माध्यम से परिवार के लोग नारियल, अगरबत्ती आदि पूजा सामग्री के अलावा अन्य वस्तुऐं लेकर पहुंचे हैं।


अंचल के आदिवासी बाहुल्य गांवों में पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है. परंपरा अनुसार सुबह से ही बैगा लोगों के घर चावल दाल आदि भेंट के रूप में ले जाते हैं. प्रत्येक घरों में इस दिन गुड़ चीला बनाकर पूजा पाठ किया जाता है. त्यौहार के कारण आज शहर में भी वीरानी छाई रही।


( ""विलुप्त होते जा रही है गेड़ी चढ़ने की परंपरा"" )


हरेली त्यौहार में गेड़ी चढ़कर चलने की परंपरा धीरे-धीरे विलुप्त होती जा रही है, जबकि त्यौहार का प्रमुख आकर्षण  पहले गेड़ी ही हुआ करता था. आजकल गिने चुने स्थानों पर ही गेड़ी की परम्परा को कायम रखे हैं, जहाँ आज भी बच्चों को गेड़ी चढ़ते हुए देखा गया।



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