नुआ खानी जुहार भेंट कार्यक्रम हमारी संस्कृति हैं मुरिया समाज



आईएनसी 24 मीडिया छत्तीसगढ़। जगदलपुर बस्तर रिपोर्टर - भुवनेश्वर कश्यप की रिपोर्ट : -


जगदलपुर। मुरिया समाज के द्वारा नुआ खानी जुहार भेंट कार्यक्रम बस्तर संभाग मुख्यालय जगदलपुर के मुरिया सदन धरमपुरा में जुहार भेंट कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें समाज प्रमुख, कर्मचारी गण, किसानों, युवा प्रभाग पदाधिकारी, महिला प्रभाग पदाधिकारी, परगना मांझी, नाईक, पाइक, सिरहा, गुनिया, पटेल, समस्त सरपंच गण एवं छात्र-छात्राओं के उपस्थिति में 1876 मुरिया विद्रोह के जननायक शहीद वीर झाड़ा सिरहा, डोकरा देव को सेवा अर्जी कर कार्यक्रम को विधिवत रूप से संचालित किया गया।


सर्व आदिवासी समाज युवा प्रभाग अध्यक्ष संतु मौर्य ने बताया कि नुआ खानी पर्व का मतलब सिर्फ उत्सव नहीं है। इसके अलावा भी अनेक उद्देश्य हैं। आदिवासियों के लिए पर्व ऐसा आयोजन होता है, जिसमें हजारों सालों से पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित ज्ञान को सतत् हस्तांतरित करने का प्रयास करते हैं। हमारे पुरखों द्वारा संरक्षित प्रकृति के अनमोल उपहार आने वाली पीढ़ी को भी मिल सके।


इस महापर्व में अनेक महान उद्देश्य छुपे हुए हैं, नया खानी महापर्व में प्रकृति में सर्वप्रथम उत्पदित धान को अपने पुरखों, देवी-देवताओं, पेन के समक्ष समर्पण करते हैं। कोंडागांव जिला अध्यक्ष पनकु नेताम ने कहा कि समाज को एकत्रित करने के लिए हम सभी को एक साथ एक मंच में आने की आवश्यकता है। तब हम हमारी संस्कृति रीति रिवाज को बचा सकते हैं।


आने वाला भविष्य को संजोए कर रखना है तो हमारे पीढ़ी को हमारे संस्कृति के बारे में अवगत कराना अति आवश्यकता है। बलवीर सिंह कच्छ ने कहा कि 1876 मुरिया विद्रोह के जननायक शहीद वीर झाड़ा सिरहा की जीवन पर प्रकाश डालते हुए वर्तमान में हमारे समाज को शिक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने पर जोर दिया।


तीज त्यौहार  पर अब पर हम पीएचडी कैसे हासिल करना है। उसे पर हम समाज प्रमुख मार्गदर्शन करेंगे।  हमारी संस्कृति रीति रिवाज नृत्य, गीत को कैसे बचाना है इस पर हमें गंभीर रूप से सोचने की आवश्यकता है। वर्तमान पीढ़ी हमारे खान-पान के साथ-साथ नाचा, गीत एवं कल को प्रदर्शन करना भी जरूरी है।


कृषि सभापति एवं जिला पंचायत सदस्य रैतू राम बघेल ने कहा कि हमारे संस्कृति को बचाए रखने के लिए गांव के व्यवस्था को बचाने की आवश्यकता है। हमारी संस्कृति को बचाना है तो पुजारी सिरहा गुनिया को हमें विशेष महत्व देना है। क्योंकि प्राचीन समय से ही हमारे गांव व्यवस्था को बनाने रखने के लिए सिरहा गुनिया पुजारी का विशेष योगदान रहा है।


महिला आयोग के सदस्य बालो बघेल ने बताया कि हमारी संस्कृति को बढ़ाने के साथ-साथ शिक्षा को विशेष महत्व देने की आवश्यकता है। शिक्षा के माध्यम से हम हमारे समाज को आगे ले जा सकते हैं, जो भी समाज प्रमुख के द्वारा निर्देश देते है। गांव के अंतिम व्यक्ति को भी पालन करना चाहिए। मुरिया समाज जगदीश चंद्र मौर्य ने कहा कि मुरिया समाज के नियमावली को अवगत कराते हुए कहा कि समाज में हर कोई व्यक्ति को नियमावली का पालन करना चाहिए।


अगर कोई नहीं करता है तो उसे दंड के स्वरूप में दंडित किया जाएगा। नियमावली को पालन करने के लिए समाज के प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है। समाज को आगे बढ़ाने के लिए शिक्षा के विशेष महत्व को गांव के अंतिम व्यक्ति तक देना है। कार्यक्रम का संचालन मुरिया समाज अध्यक्ष तोकापाल गिरधर कश्यप के द्वारा किया गया।इस दौरान जगदीश चंद्र मौर्य, पनकू नेताम, डीआर पुजारी, बलदेव मौर्य, गोपाल भारद्वाज, बलवीर सिंह कच्छ, मंगली बाई, मोसु नाईक, रामनाथ कश्यप, दिवाकर कश्यप, गिरधर कश्यप, काशीराम कश्यप, सी .आर .नाग, महिला आयोग के सदस्य बालों बघेल, सभापति कृषि एवं जिला पंचायत सदस्य रैतू राम बघेल, संतु मौर्य, समारु बघेल, नारायण सिंह मौर्य, पूरन सिंह कश्यप, बसंत कश्यप, अभय कुमार कच्छ, बन सिंह मौर्य, आयतूराम कश्यप, चंदन बघेल, पदम नाथ कश्यप, मंधर कश्यप, बामदेव भारती, लक्ष्मण बघेल, अमीर कश्यप, रूपचंद नाग एवं समाज प्रमुख, कर्मचारी गण, किसानों, युवा प्रभाग पदाधिकारी, महिला प्रभाग पदाधिकारी, परगना मांझी, नाईक, पाइक,सिरहा, गुनिया, पटेल, समस्त सरपंच गण एवं छात्र-छात्राओं आदि उपस्थित थे।






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